पुराण विषय अनुक्रमणिका PURAANIC SUBJECT INDEX (From Phalabhooti to Braahmi ) Radha Gupta, Suman Agarwal & Vipin Kumar
|
|
Puraanic contexts of words like Braahmana, Braahmi / Braahmee etc. are given here. ब्राह्मण - क्षत्रिय महाभारत आदि ३.१२३(ब्राह्मण व क्षत्रिय में अन्तर का कथन, ब्राह्मण ह्रदय का नवनीत सदृश होना आदि), आश्वमेधिक ९२दाक्षिणात्य पृ. ६३४३(ब्राह्मण, क्षत्रिय आदि वर्णों के वृषलों के नाम ; वृषलों से मुक्त होने पर ही ब्राह्मण संज्ञा की सार्थकता )
ब्राह्मणाच्छंसी ब्रह्माण्ड १.२.१२.२९(८ विहरणीय धिष्ण्य अग्नियों में से एक, अपर नाम वैश्वदेव), मत्स्य ५१.२५(अग्नि, अपर नाम सुत?/सेतु?/विश्ववेदा), १६७.८(पुरुष के ब्रह्म से ब्राह्मणाच्छंसी ऋत्विज की उत्पत्ति का उल्लेख ), द्र. ऋत्विज braahmanaachchhansee/ brahmanachchhansi ब्राह्मी देवीभागवत १२.६.१११(गायत्री सहस्रनामों में से एक), पद्म १.४६.७८(अन्धकासुर के रक्त पानार्थ शिव द्वारा सृष्ट मातृकाओं में से एक), ब्रह्माण्ड ३.४.२.२१०(विभिन्न प्रकार के प्राणियों के संसार में संसरण काल का ब्राह्मी संख्या द्वारा निरूपण?), ३.४.३६.५८(८ देवियों में से एक), भविष्य ३.३.९.४(दलवाहन - कन्या, देवसिंह - भार्या), ३.३.२४.१००(बलखानि व सुखखानि - माता, शत्रुओं को पुत्र मरण उपाय का कथन), भागवत ८.२४.३७ (मत्स्य अवतार द्वारा ब्राह्मी निशा पर्यन्त राजा सत्यव्रत की नौका के कर्षण का उल्लेख), मत्स्य १७९.९(अन्धकासुर के रक्त पानार्थ शिव द्वारा सृष्ट मातृकाओं में से एक), वराह ९०(देवी, उत्पत्ति), वायु ४४.२१(केतुमाल देश की नदियों में से एक), ७७.१२३/२.१५.१२३(श्राद्ध करने से ब्राह्मी सिद्धि प्राप्ति का उल्लेख), १०४.८१(ब्राह्मी पीठ की ब्रह्मरन्ध्र में स्थिति), विष्णुधर्मोत्तर २.१३२.८(ब्राह्मी शान्ति का शङ्खप्रभ वर्ण), स्कन्द ४.१.२९.११६(गङ्गा सहस्रनामों में से एक), ४.२.७०.३२(ब्राह्मी देवी का संक्षिप्त माहात्म्य), ५.३.१९४.२५(ब्रह्मचर्य स्वरूपा होने से लक्ष्मी द्वारा ब्राह्मी नाम धारण, अन्य नाम मूलश्री), ७.१.६०(देवी, मङ्गला देवी का रूप, माहात्म्य), लक्ष्मीनारायण २.२९७.१००(ब्राह्मील स्त्रियों के निवास में देवपूजा परायण कृष्ण के दर्शन का उल्लेख), ४.१०१.८२(कृष्ण की ११२ पत्नियों में से एक, ब्रह्मरात व बृंहणिका - माता ) braahmee/ brahmi |